आप सभी ने Mutual Fund के बारे में सुना ही होगा। वर्तमान में यह निवेश करने का बढ़िया तरीका है, इसमें आप छोटी रकम से लेकर बड़ी रकम तक निवेश कर सकते है। आप भी अगर म्यूचल फंड में पैसा लगाना चाहते है तो सबसे पहले आपको इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। आज के लेख में हम आपको म्यूचुअल फंड प्राथमिक जानकारी प्रदान करेंगे जो आपके लिए बहुत मददगार साबित होगी। म्यूचुअल फण्ड क्या है उसकी विशेषताएँ और निवेश का तरीका जानें…
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म्यूच्यूअल फण्ड क्या है?
Mutual Fund एक ऐसा Fund है जहां बहुत सारे इन्वेस्टर्स का पैसा इकट्ठा करके अलग-अलग निवेश किया जाता है। सरल शब्दों में कहा जाए, तो यहां बहुत सारे लोग अपना पैसा लगाते है जिसे कंपनी अपने बिजनेस में प्रयोग करती है और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा इन्वेस्टर्स को देती है।
म्यूच्यूअल फण्ड उद्योग की नींव कब रखी गई थी?
भारत सरकार के द्वारा वर्ष 1963 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य म्यूचुअल फंड उद्योग को लोगों के बीच लाना था। यह शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अधीन था, परंतु 1978 में इसके सारे अधिकार IDBI Bank को दे दिए गए।
म्यूच्यूअल फण्ड की देख रेख कौन करता है?
Mutual Fund की सभी गतिविधियों को देखने का कार्य Fund Manager करता है। इसका काम म्यूचुअल फंड में आ रहे पैसे का सही तरीके से हिसाब किताब करना व पैसे को सही जगह लगाकर अधिक से अधिक मुनाफा निवेशकों को देना होता है।
म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता है?
Mutual Fund में निवेश करने के लिए बहुत बड़ी रकम की आवश्यकता नहीं होती आप 500 रुपए प्रतिमाह भी लगा सकते है। इन छोटी-छोटी रकम को कंपनी इकट्ठा करके बड़ी रकम बनाती है और फिर अलग-अलग व बड़ी कंपनियों के stock खरीद लिए जाते है। इन कंपनियों के एक्सपर्ट यह बात अच्छे से जानते है कि कब कौन से शेयर में उछाल होगा व कब गिरावट।
यह जमा किए पैसे को अलग-अलग कंपनी के stock में लगाते है ताकि किसी एक कंपनी से नुकसान हो तो दूसरी कंपनी के लाभ से पैसा रिकवर कर लिया जाए। यहां महत्वपूर्ण बात यह भी है कि अगर आप लंबे समय के लिए पैसा लगाते है तो अधिक मुनाफा होगा।
NAV क्या है?
NAV का अर्थ है Net Value Asset. NAV की डिमांड पर ही शेयर खरीदे या बेचे जाते है। यह Mutual Fund के एक यूनिट की कीमत होती है और Mutual Fund की scheme की परफॉर्मेंस को दर्शाता है। म्यूच्यूअल फंड कंपनी के द्वारा कभी भी अपना नया यूनिट बनाया जाता है ताकि इन्वेस्टमेंट की रकम को बढ़ाया जा सके।
म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार
म्यूच्यूअल फंड सिर्फ एक प्रकार का नहीं होता है इसके भी कई प्रकार है जो निम्नलिखित है:
Equity Mutual Fund
Equity Mutual Fund मे इन्वेस्टर्स लंबे समय के लिए पैसे को जमा करते है तभी इसमें आपको बेहतरीन रिटर्न प्राप्त होता है। इसमें कम समय के लिए निवेश करना घाटे का सौदा हो सकता है।
Debt Mutual Fund
Debt Mutual Fund मे आप 5 साल से कम अवधि के लिए पैसा लगा सकते है। इसमें बैंक आपको Fixed Deposit पर बेहतर रिटर्न देती है।
Hybrid Mutual Fund
Hybrid Mutual Fund में आपको Equity Mutual Fund व Debt Mutual Fund दोनों का फायदा मिलता है, परंतु इसमें निवेश करते समय खास ध्यान रखना चाहिए।
Solution Oriented Scheme
यह आपके और आपके परिवार के भविष्य के लिए बेहतरीन स्कीम है। इसमें आपको कम से कम 5 साल तक पैसा जमा करना होता है ताकि आप अपने बच्चों की शिक्षा, शादी व अपने रिटायरमेंट के बाद अच्छे से जीवन व्यतीत कर सके यानि जो पैसा आप इसमें लगाते है वह एक लंबे समय के लिए जमा करना पड़ता है।
म्यूच्यूअल फण्ड को कौन रेगुलेट करता है?
Mutual Fund को रेगुलेट करने का काम SEBI (Securities Exchange Board of India) के द्वारा किया जाता है। यह फंड हाउस पर नियंत्रण रखती है ताकि निवेशकों के साथ धोखाधड़ी ना हो।
म्यूच्यूअल फण्ड House के चार्जेस क्या होते है?
Mutual Fund में निवेश करने से पहले आपको उसके खर्च और शुल्क के बारे में जानकारी होनी चाहिए। म्युचुअल फंड हाउस अपनी सेवाएं प्रदान करने के बदले आप से Exchange Ratio Charges लेता है। यह 0.25% से लेकर 3% तक होता है। (म्यूचुअल फण्ड क्या है उसकी विशेषताएँ और निवेश का तरीका जानें)
म्यूच्यूअल फण्ड और शेयर मार्किट में क्या फर्क है?
Share Market में पैसा लगाकर मुनाफा प्राप्त किया जाता है, म्यूचुअल फंड भी उसी प्रकार कार्य करता है बस इसमें यह फर्क है कि शेयर मार्केट में risk के चांस ज्यादा होते है, लेकिन म्यूचुअल फंड में आप पैसा सुरक्षित रख सकते है और मुनाफा कमा सकते है साथ ही आपसे Tax भी नहीं लिया जाता है।