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Sameed Saab Shayari lyrics in Hindi part 3

Sameed Saab Shayari lyrics in Hindi part 3

Sameed Saab Shayari lyrics in Hindi part 3

समीद साब की शायरी का ये तीसरा पार्ट है । (पिछले पार्ट को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें) वह अपनी आवाज में अपने वीडियो बनाते हैं और इंस्टाग्राम रील्स पर अपनी दिल दहला देने वाली शायरी वीडियो के लिए मशहूर हैं। समीद आलम के इंस्टाग्राम पर (अगस्त 2022 तक) 1.7m से अधिक फॉलोअर्स हैं। (Sameed Saab Shayari lyrics in Hindi part 3)

Contents

1

इन झगड़ों के बाद क्या होगा?
हमारे रिश्ते और रास्ते दोनों अलग हो जायेंगें।
जो तुम चाहते हो वो हो जाएगा। तुम्हारा जी भर जाएगा।बिछड़ने के कुछ दिनों बाद तुम्हारी ज़िन्दगी में कोई और आएगा जो शायद तुम्हें मुझसे ज्यादा चाहेगा।पर ये चाहत कितने दिनों तक रहेगी?क्यूं?
क्यूंकि बेबात जिस तरह पत्थर दिल से तुम मुझ पर चीखते हो चिल्लाते हो हर बात पर कहते हो।तुम्हारी औकात क्या है?और जिस तरह मैं अपने दिल पर पत्थर रख के आंखे नम लिए सर झुकाए खामोश खड़ा रहता हूं।अगर वो नहीं रह पाया,तो?अगर वो भी तुम्हें वही दिखाए क्या कहते हो? औकात ! तो उस बारिश भरी रात में अंधेरे अकेले कमरे में खिड़की के पास खड़े होकर खुद से ढेरों सवाल करोगे।रोकर आंखे लाल करोगे और बहुत मलाल करोगे।
 - समीद साब (Sameed Saab)


2

मुझे कहानियां नहीं किरदार
याद रहते हैं।
ये कहा था उसने…
इसका मतलब,
उसे याद रहूंगा मैं
 - समीद साब (Sameed Saab)

3

वो मुझे बे-बात सताए जा रहा था!
मैं उसकी गलतियों को बच्चे की तरह भुलाए जा रहा था!
मैं भी तुम्हें कितना सहता?
एक हद्द के बाद ज़ुर्म सहना
ख़ता है ना!
बहुत भरोसा था तुमपे,
वैसे था का मतलब पता है ना?
- समीद साब (Sameed Saab)

4

मुझसे बात मत करो,मुझे भूल जाओ!
परेशान मत करो,मुझसे दूर जाओ!
ये कुछ बातें जो तुमने थी कही
ये अल्फ़ाज़ तुम्हारे ही थे मेरे नहीं
लोगों से मेरा ज़िक्र करके
जताओ मत,के तुम सही हो
खुश रहो और फिक्र मत करो,
तुम याद नहीं हो!
- समीद साब (Sameed Saab)

5

ऐ आसमां…
तुझे जितनी घनघोर घटाएं बिछानी है बिछाले,
मगर याद रखना,मेरे रब की नज़रें तीर जैसी है,
कभी हम पर गिरी,तो तेरे सीने के अदंर से आयेंगी!
- समीद साब (Sameed Saab)

6

उलझन इस कदर,के दम घुट रहा है
दर बदर भटक कर,अपनी सादगी से रिश्ता टूट रहा है
अब सच तो बोलते है,पर खुद से झूठ बोलकर
ऐतबार तो करते हैं,लेकिन समझदार बनकर
- समीद साब (Sameed Saab)

7

तुम परी थे,आसमान में रहते
ज़मीन पर क्यूं उतरे?
चांद थे,चांद रहते
तारों की तरह टूट कर क्यूं बिख़रे?
लिहाज़ बन रहे रिश्ते का,
रखना चाहिए था तुम्हें…
जा रहे थे,चले जाते…
पर एक बार,
कहना चाहिए था तुम्हें!
- समीद साब (Sameed Saab)

8

लोग आपको पसंद करते है,
ये झूठ नहीं है!
हमेशा करते रहेगें,
सच ये भी नहीं…
- समीद साब (Sameed Saab)

9

दुनिया बदल नहीं रही,
बदलती रहती है…
आप भी बदलें नहीं,
बदलते रहें!
- समीद साब (Sameed Saab)

10

Hwa Km Pd Rahi Hai, Dwa Km Pd Rahi Hai
Agr Charo Taraf Maut , Matam Ka Mahol Chha Reha Hai !! Shmshan , Kabrstan Ko Kabr Aur Chitawon Se Sajaya Ja Reha Hai !!
Ek Chehre Pr Jb Hazaro Chehre Liye Ghumte Ho , To
Mooh Pr Ek Aur Nakab Dalne Me Kya Ja Reha Hai?
- समीद साब (Sameed Saab)

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