रामपुर के सांसद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत तो मिल गई लेकिन इसके बाद भी सीतापुर जेल से उनकी रिहाई संभव नहीं है। दरअसल, अब्दुल्ला आजम के खिलाफ अभी पासपोर्ट मामले में भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत होना बाकी है। इसी तरह आजम खां की शत्रु संपत्ति के मामले में जमानत खारिज हो चुकी है। (आजम और उनके बेटेे अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट से राहत)
अब्दुल्ला के दो पैन कार्ड मामले में आजम खां और अब्दुल्ला की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी, जो मंगलवार को मंजूर हो गई। मुकदमे के वादी भाजपा नेता आकाश सक्सेना का कहना है कि अभी जमानत सशर्त मंजूर हुई है। बरी नहीं हुए हैं। दोषियों को सजा दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा। दूसरी ओर मंगलवार को आजम और उनके बेटेे अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर रामपुर में सपाइयों ने जगह-जगह मिठाई बांटी। स्वार में मिष्ठान वितरण के दौरान हामिद गोल्डन, जफरुद्दीन, मोईन सुल्तान, शफी पधान, वंटी, विक्की राज, गुड्डू पाशा, सलामत जान आदि मौजूद रहे।
आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला पर कई मामलों में केस दर्ज हैं. जमीन हड़पने, फर्जी कागजात बनवाने समेत अन्य कई मामलों में उत्तर प्रदेश की अलग-अलग अदालतों में केस चल रहे हैं. लंबे वक्त से दोनों उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद हैं. हाल ही में जब आजम खां की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया. कुछ महीने पहले ही आजम खां की पत्नी तजीन फातमा को जमानत मिली थी और वह जेल से बाहर आई थीं.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने जताई है आपत्ति
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दोनों की अंतरिम जमानत मंजूर किए जाने पर अदालत से अपनी आपत्ति जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है क्या इस केस में अभी भी दोनों की कस्टडी चाहिए? इस पर सरकार के वकील एसवी राजू का कहना है कि आजम और उनके बेटे पर अभी कई बड़े मामलों में एफआईआर दर्ज है.
आजम खान के वकील ने बताई ये बात
वहीं दूसरी तरफ सपा नेता आजम खान के वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि 280/2019 एफआईआर केस में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. उन्होंने अदालत को बताया कि यूपी सरकार ने पासपोर्ट और पैन कार्ड मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किए हैं, जबकि इस केस की मुख्य प्राथमिकी में आजम खान को जमानत मिल चुकी है.
बिलासपुर में हुई बैठक में पूर्व ब्लाक प्रमुख रविंद्र कौर ने कहा कि दोनों नेताओं की जमानत मंजूर हो गई है। यह सच्चाई की जीत हुई है। कहा कि राज्य सरकार ने विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सपा नेताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर लोकतंत्र की हत्या की है। इस अवसर पर उज्ज्वल दीदार सिंह साबी, नृपजीत सिंह, राजू, नरेंद्र सिंह, अवतार सिंह, राकेश कुमार, सतनाम सिंह, आरिफ, सिमरजीत सिंह, निशान सिंह, जीवन कुमार आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर संतोष शर्मा, रोहित शर्मा, कुलविंदर सिंह, जुऐब खां, दिनेश कुमार, चंद्रपाल लोधी, मंत्री मलवई, डालचंद यादव, हरिशंकर यादव, संजीव यादव आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।