Site icon Duenice

Ya Ilaahi Har Jaga teri ata ka sath ho naat lyrics

Ya Ilaahi Har Jaga teri ata ka sath ho naat lyrics

Ya Ilaahi Har Jaga teri ata ka sath ho naat lyrics

Ya Ilaahi Har Jaga teri ata ka sath ho naat lyrics

Ya Ilaahi Har Jaga Teri Ataa Ka Saath Ho,
Jub Pare Mushkil Sha’e Mushkil Kusha Ka Saath Ho.

O Allah ! In every instance let me be blessed by Your Bounties,
When I am in calamity, Let me be with the Eradicator of all calamities.

Ya Ilaahi Bhool Jaun Naza’Ki Takleef Ko,
Shaadiye deedare Husne Mustafa Ka Saath Ho.

O Allah ! Let me not remember the difficulties of Death,
When Blessed by the happiness of seeing the Holy Prophet.

Ya Ilaahi Gor Teera Ki Jab Aaey Sakht Raat,
Unke Pyaare Moonh Ki Subha Jaa Fiza Ka Saath Ho.

O Allah ! When the night of darkness in the grave finally comes,
Let it be brightened by the Prophet, Blessed Face which gives hope.

Ya Ilaah Garmi-e-Mahshar Seh Jub Bharke Badan,
Daaman-e-Mahboob Ki Thandi Hawaa Ka Saath Ho.

O Allah ! When our bodies burn up in the heat of the Day of Reckoning,
Let us be in the cool breeze from the Daaman of the Prophet.

O Allah ! When the books of our deeds are opened,
Let the sins of the servants be hidden by the One who conceals our shortcomings.

Ya Ilaahi Rang Laayein Jab Meri Be Baaqiyaan,
Unki Neechi Nichi Nazroon Ki Hayaa Ka Saatho Ho.

O Allah ! When my daring actions are unveiled (before all),
Let me be with the modesty of the Lowered Gaze of the Beloved Prophet.

Ya Ilaahi Jub Zabaane Baahar Aayey Pyaas Say,
Saahib-e-Kauthar Sha’e Jood-o-ataa Ka Saath Ho.

O Allah ! When our tounges hang in immense thirst,
Let us be blessed by the Distributor of Kauthar & The Generous King.

Ya Ilaahi Jub Chalo Tareekh Raahe Pul Siraate,
Aftaab-e-Haashmi Noorul Huda Ka Saath Ho.

O Allah ! When We Walk over the Dark Bridge of Pul Siraat,
Let us be with the guiding Light of the Prophet.

Ya Ilaahi Jub Sare Shamsheer Par Chalna Pare,
“Rabbe Sallim” Kehne Waale Ghamzudah Ka Saath Ho.

O Allah ! When we have to walk on the sword like path,
Bless us as the one who removes grief says “O Allah Allow Them Safe Passage”.

Ya Ilaahi Jo Dua’e Nek Hum Tujhe Se Kare,
Qudsiyo Ke Lub Se Aameen Rab’bana Ka Saath Ho.

O Allah ! For all the Good things which we invoke You,
Allow the Angels to say, “Aameen O Allah” for whatever we ask.

Ya Ilaahi Jub Bahe Aankhe Hisaab-e-Jurm Me,
Un Tabassum rez-e-honto ki Dua ka Saath Ho.

Ya Ilaahi Jub Raza Khaab-e-Giraa Se Sar Uthaa’e,
Daulat-e-Bedaar Ishk-e-Mustafa Ka Saath Ho.

O Allah ! When Raza raises his head from his precious sleep,
Let him be given the Gift of awakening in the love of the Beloved Prophet.

Other Verses from this Naat:

Ya Ilaahi Sard-e-Mehri Par Ho Jab Khurshid-e-Hashr,
Sayyad-e-Besaaya Ke Zille-e-Liwaa Ka Saath Ho.

O Allah ! When the Hot Sun is over our heads on the day of Reckoning,
Let us be under the shade of the Banner of the Shadowless Master.

Ya Ilaahi Jub Pare Mahshar Mein Shore Daar-o-Geer,
Aman Denay Waale Pyaare Peshwa Ka Saath Ho.

O Allah ! In the Hereafter when there will be total pandemonium,
Let Me Be With Our Leader, The Granter of Salvation.

O Allah ! When our eyes tear in accountabililty of our sins,
Let us be blessed with prayers from his sweet smiling lips.

Ya Ilaahi Jub Hisaabe Khanda-e-Bejaa Rulaaye,
Chashme Giryaane Shafi-e-Murtaja Ka Saath Ho.

O Allah ! When the Accountability causes us to cry in vain,
Let us be blessed with the Intercession of our Master who tears for us.

Ya Ilaahi Le Chale Jub Dafan Karne Qabar Me,
Ghause-e-Azam Peshwa’e Awliya Ka Saath Ho

Ya Ilaahi Har Jaga teri ata ka sath ho naat lyrics ( IN HINDI )

या इलाही हर जगा तेरी अता का साथ हो,
जब परे मुश्किल शा’ए मुश्किल कुशा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! हर स्थिति में मुझे अपनी कृपा से आशीर्वाद दो,
जब मैं विपत्ति में हो, तो मुझे सभी विपत्तियों के निवारणकर्ता के साथ रहने दो।

या इलाही भूल जौन नाज़ा’की तकलीफ़ को,
शादिये दीदारे हुस्ने मुस्तफा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! मुझे मृत्यु की कठिनाइयाँ याद न रहने दें,
जब पवित्र पैगंबर को देखने की खुशी से आशीर्वाद मिला।

या इलाही गोर तीरा की जब आई सख्त रात,
उनके प्यारे चाँद की सुबह जा फ़िज़ा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! जब कब्र में अंधकार की रात अंततः आती है,
इसे पैगंबर द्वारा उज्ज्वल किया जाए, धन्य चेहरा जो आशा देता है।

या इलाह गर्मी-ए-महशर सह जब भरके बदन,
दामन-ए-महबूब की ठंडी हवा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! जब हमारे शरीर हिसाब-किताब के दिन की गर्मी में जल जायेंगे,
आइए हम पैगंबर के दामन से ठंडी हवा में रहें।

ओ अल्लाह ! जब हमारे कर्मों की किताबें खुलती हैं,
जो हमारी कमियों को छुपाता है, उसके सेवकों के पाप भी छुपे रहें।

या इलाही रंग लायें जब मेरी बे बाक़ियाँ,
उनकी नीची नज़रों की हया का साथो हो।

ओ अल्लाह ! जब मेरे साहसी कार्य उजागर होंगे (सभी के सामने),
मुझे प्यारे पैगंबर की नीची निगाहों की विनम्रता के साथ रहने दो।

या इलाही जब ज़बाने बहार आये प्यास कहो,
साहिब-ए-कौथर शाए जुड़-ओ-अता का साथ हो।

ओ अल्लाह ! जब हमारी जीभ अत्यधिक प्यास में डूब जाती है,
आइए हम कौथार के वितरक और उदार राजा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

या इलाही जब चलो तारीख राहे पुल सिराते,
आफताब-ए-हाशमी नूरुल हुदा का साथ हो.

ओ अल्लाह ! जब हम पुल सीरत के अंधेरे पुल पर चलते हैं,
आइए हम पैगंबर के मार्गदर्शक प्रकाश के साथ रहें।

या इलाही जब सारे शमशीर पर चलना परे,
“रब्बे सल्लिम” कहने वाले गमज़ुदा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! जब हमें तलवार रूपी पथ पर चलना होगा,
हमें आशीर्वाद दें जैसे दुःख को दूर करने वाला कहता है “हे अल्लाह उन्हें सुरक्षित मार्ग प्रदान करें”।

या इलाही जो दुआए नेक हम तुझसे करे,
क़ुदसियो के लब से आमीन रबाना का साथ हो।

ओ अल्लाह ! उन सभी अच्छी चीजों के लिए जो हम आपका आह्वान करते हैं,
हम जो कुछ भी माँगें उसके लिए फ़रिश्तों को यह कहने दें, “आमीन हे अल्लाह”।

या इलाही जुब बहे आंखे हिसाब-ए-जुर्म में,
उन तबस्सुम रेज-ए-होंटो की दुआ का साथ हो।

या इलाही जब रज़ा खाब-ए-गिरा से सर उठे,
दौलत-ए-बेदार इश्क-ए-मुस्तफा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! जब रज़ा अपनी अनमोल नींद से सिर उठाता है,
उसे प्यारे पैगंबर के प्रेम में जागृति का उपहार दिया जाए।

इस नात से अन्य छंद:

या इलाही सरद-ए-मेहरी पर हो जब खुर्शीद-ए-हश्र,
सैय्यद-ए-बेसाया के ज़िले-ए-लिवा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! गणना के दिन जब तेज़ धूप हमारे सिर पर होती है,
आइए हम छायाहीन गुरु के बैनर की छाया में रहें।

या इलाही जब पारे महशर में शोर दार-ओ-गीर,
अमन देने वाले प्यारे पेशवा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! आख़िरत में जब पूरी तरह हाहाकार मच जाएगा,
मुझे हमारे नेता, मुक्तिदाता के साथ रहने दो।

ओ अल्लाह ! जब हमारे पापों के प्रति उत्तरदायित्व के कारण हमारी आँखों में आँसू आ जाते हैं,
आइए हम उनके मधुर मुस्कुराते होठों से प्रार्थनाओं का आशीर्वाद प्राप्त करें।

या इलाही जुब हिसाबे खांडा-ए-बेजा रुलाये,
चश्मे गिर्याने शफ़ी-ए-मुर्तजा का साथ हो।

ओ अल्लाह ! जब जवाबदेही हमें व्यर्थ रोने पर मजबूर कर देती है,
आइए हम अपने स्वामी की मध्यस्थता से धन्य हों जो हमारे लिए आँसू बहाता है।

या इलाही ले चले जब दफ़न करने क़बर में,
ग़ौसे-ए-आज़म पेशवाए अवलिया का साथ हो

Exit mobile version