मेरे जीते-जी, बाद मरने के
मेरे हर एक कल, हर एक लम्हे में
तू लिख दे मेरा उसे
दिल की दुनिया के सच्चे रिश्तों में
ज़िंदगानी के सारे हिस्सों में
तू लिख दे मेरा उसे
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बनाना
मैं तो प्यासा हूँ, है दरिया वो, ज़रिया वो जीने का मेरे
मुझे घर दे, गली दे, शहर दे उसी के नाम के
क़दम ये चलें या रुकें अब उसी के वास्ते
उसकी हो वो हँसी, गूँजे जो मेरा घर
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बनाना
चाहे ले-ले तू मेरी ज़िंदगी, पर ये मुझ से वादा कर
उसके अश्कों के ग़मों पे, दुखों पे, हर उसके ज़ख्म पर
हक़ मेरा ही रहे, हर जगह, हर घड़ी, हाँ, उम्र भर
वो जुदा कहने को, बिछड़े ना पर कहीं
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बनाना
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बनाना
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बनाना
चाहे ले-ले तू मेरी ज़िंदगी, पर ये मुझ से वादा कर
उसके अश्कों के ग़मों पे, दुखों पे, हर उसके ज़ख्म पर
हक़ मेरा ही रहे, हर जगह, हर घड़ी, हाँ, उम्र भर
वो जुदा कहने को, बिछड़े ना पर कहीं
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना…